Friday, June 29, 2018

भाग्य रेखा

                               भाग्य रेखा

जब कोई अवसर हमारे हाथ से निकल जाता है तो हम कहते है कि "यह हमारे भाग्य में नहीं था" इसलिए यह नहीं हुआ और हम अपने भाग्य को कोसते हैं। भाग्य को दोष देने से पहले आप यह देखिये की आपकी हथेली में भाग्य रेखा क्या कह रही है। हस्त रेखीय ज्योतिषशास्त्र में बताया गया है कि बनावट की दृष्टि से भाग्य रेखा लगभग सात प्रकार की होती है और उनका अलग अलग प्रभाव होता है। बनावट की दृष्टि से भाग्य रेखा के प्रकार क्रमश: इस प्रकार है.....


1.गहरी रेखा (Deep Fate line): हाथ में भाग्य रेखा गहरी है तो यह इस बात का संकेत है कि आपको अपने भाग्य की मदद से पैतृक सम्पत्ति और विभिन्न प्रकार के लाभ मिलेंगे। आपकी उन्नति में आपके बुजुर्गों का सहयोग रहेगा।

2.कमज़ोर रेखा (Light Fate line) : भाग्य रेखा कमज़ोर होने से इस बात का संकेत मिलता है कि आपको जीवन में असफलताओं एवं मुश्किलों का सामना करना होगा। आपकी जिन्दग़ी में निराशा के बादल छाये रहेंगे। लेकिन अगर आपके हाथ में सूर्य रेखा मजबूत है तो आप सफलता प्राप्त कर सकते हैं, इसी प्रकार अन्य रेखाओं एवं पर्वतों के प्रभाव से भी परिणाम बदल सकता है।

3.विभाजित रेखा (Divided Fate Line): भाग्य रेखा अगर दो भागों में विभाजित हो या टूटकर अंग्रेजी के Y की तरह दिखे तो यह द्वंद की स्थिति बनाता है यानी आप आप अपना लक्ष्य लक्ष्य सही प्रकार से निर्घारित नहीं कर पाते हैं और मन में उठते विचारों से लड़ते हैं। एक शब्द में कहें तो आप दो नाव की सवारी करते हैं।

4.आड़ी तिरछी रेखा (Zig Zag Fate Line): हथेली में भाग्य रेखा अगर आड़ी तिरछी हो तो समझ लीजिए आपकी जिन्दग़ी में काफी उतार-चढ़ाव व परिवर्तन आने वाला हैं। आप जीवन में संघर्ष और बाधाओं को पार करके ही अपने भाग्य का फल प्राप्त कर पाएगे। आपको आसानी से कुछ भी मिलने वाला नहीं है। इस प्रकार की रेखा यह भी बताती है कि आप निर्णय की घड़ी में उहापोह में रहते हैं अर्थात क्या करें क्या न करें वाली स्थिति आपकी हो जाती है।

5.टूटी रेखा (Broken Fate Line): भाग्य रेखा अगर टूटी हुई है तो जहां पर यह रेखा टूटी है वहां पर आपको खतरा हो सकता है अर्थात उस उम्र में आपके साथ कोई दुर्घटना घट सकती है अथवा आप गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं। कुल मिलाकर कहा जाय तो उम्र के इस पड़ाव में कुछ भी ऐसा हो सकता है जिससे जीवन पर संकट आ सकता है। आपका यह समय कष्टमय रहेगा।

6.जंजीरदार या लहरदार रेखा (Chained Fate Line): भाग्य रेखा जंजीरदार या लहरदार हो तो  यह इस बात का संकेत है कि आपके कार्यो में उतार चढ़ाव बना रहेगा, आप सफलता और असफलता के बीच हिचकोले खाते रहेंगे। आपका काम कभी तो असानी से बन जाएगा तो कभी छोटा मोटा काम निकलवाने के लिए भी आपको कड़ी मेहनत करनी होगी।

7.अदृश्य रेखा(Invisible Fate Line) : यह जरूरी नहीं कि जिनकी हथेली में भाग्य रेखा होती है उन्हीं का भाग्य होता है, जिनकी हथेली में भाग्य रेखा नहीं होती है उनका भी भाग्य होता है ऐसा हस्त रेखा विज्ञान कहता है। जिनकी हथेली में भाग्य रेखा नहीं होती है उनका भाग्य अन्य रेखाओं के आंकलन के आधार पर ज्ञात किया जाता है। कह सकते हैं कि, जिनकी हथेली में भाग्य रेखा नहीं दिखती हो उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं है।

Wednesday, June 27, 2018

अंगूठे के पर्व द्वारा व्यक्तित्व

  ::::::....अंगूठे के पर्व द्वारा व्यक्तित्व......:::::::

अक्सर आपने किसी का उत्साह बढ़ाने के लिए अपनी हथेली की चारों उंगलियों को मोड़ कर अंगूठा ऊपर की ओर दिखाया होगा या किसी और को ऐसा करते देखा होगा। वास्तव में इसके पीछे एक बड़ा तथ्य यह है कि अंगूठा हमारी पूरी हथेली का प्रतिनिधित्व करता है, और यह इच्छा शक्ति एवं मन को बल प्रदान करता है। हस्तरेखा शास्त्र यानी पामिस्ट्री में तो अंगूठे के हर पोर का विशेष महत्व है।
हस्तरेखीय ज्योतिष अंगूठे को ज्ञान का पिटारा कहता है, की अंगूठे के हरेक पोर में व्यक्ति के विषय में काफी रहस्य छुपा होता है। इस पिटारे की एक मात्र चाभी है हस्त रेखा विज्ञान का सूक्ष्म ज्ञान अर्थात जिसने हस्तरेखा विज्ञान का सूक्ष्मता से अध्ययन किया है वह इस पर लगा ताला खोल सकता है। आप भी अगर हस्तरेखा विज्ञान को गहराई से समझने के इच्छुक हैं तो आपको भी अंगूठे पर दृष्टि जमानी होगी अन्यथा इस शास्त्र में आप कच्चे रह जाएंगे अर्थात "अंगूठा टेक" ही रह जाएंगे।
अंगूठे के विषय में जानकारी हासिल करने के लिए सबसे पहले तो आप अपना अंगूठा गौर से देखिये, आप देखेंगे कि अंगूठा हड्डियों के दो टुकड़ों से मिलकर बना है और अन्य उंगलियो की तरह इसके भी तीन पर्व यानी पोर हैं। इसके तीनों ही पर्व व्यक्ति के विषय में अलग अलग कहानी कहती है।


अंगूठे का पहला पर्व (First Part of the Thumb):
सामुद्रिक ज्योतिष के अनुसार जिस व्यक्ति के अंगूठे का पहला पर्व लम्बा होता है वह व्यक्ति आत्मविश्वास से भरा होता है और अपना जीवन पथ स्वयं बनता है। ये आत्मनिर्भरता में यकीन करते हैं और सजग रहते हैं। हथेली का पहला पर्व लम्बा हो यह तो अच्छा है लेकिन अगर यह बहुत अधिक लम्बा है तो यह समझ लीजिए कि व्यक्ति असामाजिक गतिविधियों को अंजाम देने वाला है, यह खतरनाक काम कर सकता है। दूसरी ओर जिस व्यक्ति के अंगूठे का पहला पर्व छोटा होता है वह दूसरों पर निर्भर रहते हैं और जिम्मेवारी भरा निर्णय नहीं ले पाते हैं। ये काम को गंभीरता से नहीं लेते हैं। पहला पर्व अगर चौड़ा है तो समझ लीजिए यह व्यक्ति मनमानी करने वाला अर्थात जिद्दी है। जिनका पहला पर्व लगभग समकोण जैसा दिखता हो उनके साथ होशियारी से पेश आने की जरूरत होती है क्योंकि ये काफी चालाक और तेज मस्तिष्क वाले होते हैं।

अंगूठे का दूसरा पर्व (Second Part of the Thumb):

अंगूठे का दूसरा भाग लम्बा होना बताता है कि व्यक्ति चालाक और सजग है। यह व्यक्ति सामाजिक कार्यों एवं जनसेवा के कार्यों में सक्रिय रहने वाला है। दूसरा पूर्व जिनका छोटा होता है वे बिना आगे पीछे सोचे काम करने वाले होते हैं परिणाम की चिंता नहीं करते यही कारण है कि ये ऐसा काम कर बैठते हैं जो जोखिम और खतरों से भरा होता है। दूसरा पर्व अंगूठे का दबा हुआ है तो यह बताता है कि व्यक्ति गंभीर और संवेदशील है और इनकी मानसिक क्षमता अच्छी है।

अंगूठे का तीसरा पर्व (Third Part of the Thumb):

अंगूठे का तीसरा पर्व वास्तव में शुक्र पर्वत का स्थान होता है जिसे व्यक्ति विश्लेषण के समय अंगूठे के तीसरे पर्व के रूप में लिया जाता है। यह पर्व अगर अच्छी तरह उभरा हुआ है और गुलाबी आभा से दमक रहा है तो यह मानना चाहिए कि व्यक्ति प्यार और रोमांस में काफी सक्रिय है। इस स्थिति में व्यक्ति जीवन के कठिन समय को भी हंसते मुस्कुराते गुजराना जानता है। यह पर्व अगर सामान्य से अधिक उभरा हुआ है तो यह जानना चाहिए कि व्यक्ति में काम की भावना प्रबल है यह इसके लिए किसी भी सीमा तक जा सकता है। अंगूठे का तीसरा पर्व अगर सामन्य रूप से उभरा नहीं है और सपाट है तो यह कहना चाहिए कि व्यक्ति प्रेम और उत्साह से रहित है।

Thursday, June 7, 2018

तिल का महत्व

समुद्र शास्त्र वैदिक ज्योतिष की एक शाखा है जिसमें तिल के महत्व, शक्तियों और उनके प्रभावों के बारे में बताया गया है। इनका असर मनुष्य के व्यक्तित्व, स्वभाव और उनके भाग्योदय पर पड़ता है। हमारे शरीर में ये विभिन्न आकार और रंग रूप के होते हैं। समुद्र विज्ञान में शरीर के अलग-अलग हिस्सों में तिल के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव को बताया गया है। कहा जाता है कि शरीर पर तिल ग्रह की स्थिति और उनके प्रभावों को दर्शाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तिल व्यक्ति के स्वभाव, कर्म और उनके जीवन में होने वाली अच्छी और बुरी घटनाओं की ओर संकेत करते हैं। इसलिए शरीर के विभिन्न अंगों पर तिल का कोई न कोई अर्थ अवश्य होता है। तिल हमारे भविष्य के कई रहस्यों को उजागर करते हैं। शरीर पर कोई तिल छोटा तो कोई बड़ा होता है ये काले और लाल रंग के होते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि तिल हमारे पुनर्जन्म के बारे में बताते हैं। हालांकि इनको लेकर लोगों के भिन्न-भिन्न मत हैं।

* * तिल का स्वरूप * *

* आकार के अनुसार

1- छोटा – कम प्रभावशाली
2 - बड़ा – अति शुभ
3 - लंबा – शुभ

* रूप के अनुसार

1- त्रिकोणीय – मिश्रित परिणाम
2- टेढ़ा-मेढ़ा – शुभ परिणामकारी
3- गोल – शुभ
4- वर्गाकार – अंत तक अप्रत्याशित फल परंतु मुश्किलों को दूर करने वाला

* रंग के अनुसार

1- यदि तिल लाल, हल्का भूरा, चंदन अथवा हरा पन्ना जैसे रंग का हो तो वह भाग्यशाली होता है।
2- काले रंग के तिल को अच्छा नहीं माना जाता है। इसका मतलब होता है कि जीवन में बाधाएं आएँगी।

* शरीर पर तिल और उनका मतलब *

* माथे पर तिल
1- यदि किसी व्यक्ति के माथे के बीच में तिल हो तो वह व्यक्ति शांत, बुद्धिमान, परिश्रमी और दिल का साफ होता है।
2- यदि किसी के माथे में दाहिनी ओर तिल हो तो वह व्यक्ति धनवान होता है।
3- यदि माथे में बायीं ओर तिल हो तो वह व्यक्ति स्वार्थी होता है।

* भौंह पर तिल
1- भौंह के बीच में तिल होने का मतलब होता है कि उस व्यक्ति के अंदर एक लीडर की विशेषता होगी। उसके जीवन में आर्थिक संपन्नता आएगी।
2 - यदि भौंह पर बायीं ओर तिल हो तो व्यक्ति डरपोक होगा और व्यापार और नौकरी में उसे कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।
3- वहीं भौंह पर दाहिनी ओर तिल है तो व्यक्ति को वैवाहिक जीवन में ख़ुशियाँ एवं संतान सुख प्राप्त होगा।

* आँखों पर तिल
1- यदि किसी की दाहिनी आँख पर तिल का निशान हो तो वह व्यक्ति ईमानदार, मेहनती और विश्वास करने योग्य होता है।
2- बायीं आँख पर तिल का होना व्यक्ति के अंहकार और आशावादी सोच को दर्शाता है।

* नाक पर तिल
1- ऐसा माना जाता है कि जिस व्यक्ति की नाक पर (ठीक बीच पर) तिल होता है तो वह क्रोधी और बिना सोचे-समझे निर्णय लेने वाला होता है।
2- यदि किसी की नाक की दाहिनी तरफ तिल हो तो वह व्यक्ति कम मेहनत के बल पर अधिक धन पाने में कामयाब होता है।
3- यदि नाक की बायीं ओर तिल हो तो व्यक्ति को सफलता पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है।
4- यदि नाक के नीचे तिल हो तो व्यक्ति कामुक और विपरीत लिंग को आकर्षित करने वाला होगा।

* गाल पर तिल
1- जिसके बायें गाल पर तिल हो तो वह व्यक्ति अल्पभाषी, अधिक गुस्से वाला और धन ख़र्च करने वाला होता है।
2- यदि किसी के दायें गाल पर तिल हो तो व्यक्ति का स्वभाव आक्रामक होता है। इसके अलावा वह तर्कवादी और धन कमाने में अग्रणी होता है।

* कान पर तिल
1- यदि किसी के कान पर तिल हो तो उसका जीवन भौतिक सुखों से युक्त होता है।
2- यदि कान के ठीक ऊपर तिल हो तो व्यक्ति बुद्धिमान होता है।

* होंठ पर तिल
1- यदि किसी व्यक्ति के होंठ पर तिल होता है तो उन्हें अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए, क्योंकि उन्हें मोटापा और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं।
2- यदि आपके नीचे वाले होंठ पर तिल है तो आप भोजन के शौकीन होंगे। इसके अलावा नाटक में आपकी विशेष रुचि होगी।

* जीभ पर तिल
1- यदि किसी शख्स की जीभ पर तिल है तो उसे स्वास्थ्य, शिक्षा एवं बोलचाल संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
2- यदि किसी व्यक्ति की जीभ की नोक पर तिल हो तो वह व्यक्ति बहुत कूटनीतिज्ञ होता है। वह परिस्थितियों को काबू करने में सक्षम होता है। वह व्यक्ति अधिक भोजन पसंद भी होता है।

* ठोड़ी पर तिल
1- यदि किसी की ठोड़ी के बीच पर तिल होता है तो उस व्यक्ति को यात्रा करना अच्छा लगता है। उसे नई-नई जगहों पर जाना पसंद होता है।
2- यदि किसी की ठोड़ी के दाहिने हिस्से में तिल हो तो वह व्यक्ति तर्कवादी और कूटनीतिक विचारों वाला होता है।
3- वहीं जिस व्यक्ति की ठोड़ी पर बायीं ओर तिल हो तो वह व्यक्ति ईमानदार और स्पष्टवादी होता है।

* गर्दन पर तिल
1- यदि किसी व्यक्ति की गर्दन पर ठीक सामने तिल हो तो वह भाग्यशाली और कला से निपुण होता है।
2- वहीं गर्दन के पीछे वाले भाग पर तिल का होना व्यक्ति के क्रोधी को स्वभाव को दर्शाता है।

* कंधे पर तिल
1- यदि किसी व्यक्ति के बायें कंधे पर तिल का निशान हो तो वह व्यक्ति ज़िद्दी स्वभाव का होता है।
2- यदि किसी व्यक्ति के दायें कंधे पर तिल का निशान हो तो वह साहसी और बुद्धिमान होता है।

* भुजा पर तिल
1- यदि किसी व्यक्ति की दाहिनी भुजा में तिल हो तो वह बुद्धिमान और चालाक होता है।
2- बायीं भुजा में तिल का होना व्यक्ति की भौतिक सुखों की कामना को दर्शाता है लेकिन वास्तव में वह सामान्य जीवन जीता है।

* कोहनी पर तिल
- यदि किसी व्यक्ति की कोहनी पर तिल हो तो उसका मतलब होता है कि वह व्यक्ति बेचैन, कला में निपुण, धनी और भ्रमण पसंद (घूमने का शौकीन ) होगा।

* कलाई पर तिल
- यदि किसी व्यक्ति की कलाई पर तिल होता है तो वह व्यक्ति कलात्मक होता है। उसके मन में नए-नए विचार आते हैं। ऐसे लोग अच्छे पेंटर और लेखक होते हैं।

* हथेली पर तिल
-  यदि किसी की हथेली पर तिल का निशान हो तो उस व्यक्ति को कठिनाई का सामना करना पड़ता है।

* उंगली पर तिल
-  ऐसा कहा जाता है कि जिसकी उंगलियों पर तिल का निशान होता है। वह व्यक्ति विश्वासपात्र नहीं होता है। उसे चीज़ों को बढ़ा चढाकर कहने की आदत होती है।

* पसलियों पर तिल
1- दाहिनी पसली पर तिल का निशान यह बताता है कि व्यक्ति झूठ बोलने में माहिर और कई चीज़ों से भयभीत होता है।
2- वहीं बायीं पसली पर तिल व्यक्ति के सामान्य जीवन को दर्शाता है।

* पीठ पर तिल
1- पीठ पर रीढ़ की हड्डी के आसपास का तिल का होना कामयाबी , प्रसिद्धि और लीडरशिप को दर्शाता है।
2- यदि किसी व्यक्ति के शोल्डर ब्लेड्स के नीचे तिल हो तो उस व्यक्ति को जीवन में संघर्ष करना पड़ेगा।
3- यदि किसी व्यक्ति के शोल्डर ब्लेड्स के ऊपर तिल का निशान हो तो वह व्यक्ति साहस के साथ चुनौतियों का सामना करता है।

 * सीने पर तिल
1- जिस व्यक्ति के सीने पर तिल का निशान होता है उसकी कामुक प्रवृत्ति तीक्ष्ण होती है।
2- जिन महिलाओं के दाहिने सीने में तिल का निशान होता है तो उनके अंदर शराब व अन्य प्रकार का नशा करने की प्रवृत्ति पायी जाती है। वहीं यदि पुरुष के सीने में दाहिनी ओर तिल हो तो उसे आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
3- जिन पुरुषों के सीने में बायीं ओर तिल का निशान होता है तो वे चतुर स्वभाव के होते हैं लेकिन दोस्तों और रिश्तेदारों से उनके संबंध अच्छे नहीं रहते हैं। वहीं महिलाओं के बायें सीने में तिल हो तो वे शांत स्वभाव की होती हैं और परिवार, रिश्तेदारों और सहकर्मियों से उनके अच्छे संबंध होते हैं।

* नाभि पर तिल
1- जिन महिलाओं की नाभि में अथवा इसके अासपास तिल का निशान होता है तो ऐसी महिलाओं का वैवाहिक जीवन सुखी होता है।
2- किसी पुरुष के नाभि पर बायीं ओर तिल का निशान उसके समृद्ध जीवन को दर्शाता है। उसकी संतान को भी प्रसिद्धि मिलती है।

* पेट पर तिल
1- पेट पर तिल का निशान किसी भी व्यक्ति को हमेशा जोशीला बनाए रखता है।
2- अगर किसी पुरुष के उदर पर दाहिनी ओर तिल हो वह उसके मजबूत आर्थिक पृष्ठभूमि को दिखाता है। वहीं महिलाओं के लिए यह कमज़ोरी को दर्शाता है।
3- यदि पेट पर दाहिनी ओर तिल हो तो व्यक्ति की आमदनी की सुगमता को दर्शाता है।

 * नितंब पर तिल
1- जिन लोगों के दोनों नितंब पर तिल हो तो ऐसे व्यक्ति ख़ुशमिजाज़, प्रिय और विश्वास योग्य होते हैं।
2- जिनके दायीं नितंब पर तिल हो तो ऐसे व्यक्ति कलात्मक और बुद्धिमान होते हैं।
3- जिन लोगों के बायें नितंब पर तिल होता है तो ऐसे लोग सामान्य आमदनी के बावजूद अपने जीवन से संतुष्ट दिखाई देते हैं।

* गुप्तांग पर तिल
-  जिन लोगों के गुप्तांग पर तिल का निशान होता है ऐसे लोग खुले विचार वाले और ईमानदार होते हैं। इसके अलावा ऐसे लोग अधिक प्रेमी होते हैं, और उनका वैवाहिक जीवन सुखी रहता है। भौतिक सुखों के अभाव के बावजूद भी ये लोग संतुष्ट रहते हैं।

* जांघ पर तिल
1- जिन लोगों की दायीं जंघा पर दिल का निशान हो तो ऐसे लोग मध्यम स्वभावी और निडर होते हैं।
2- बायीं जांघ पर तिल का निशान किसी व्यक्ति की कलात्मक क्षमता को दर्शाता है लेकिन ऐसे व्यक्ति आलसी और अधिक सामाजिक नहीं होते हैं।

* घुटने पर तिल
1- यदि किसी व्यक्ति के बायें घुटने पर तिल का निशान हो तो ऐसे व्यक्ति साहसी और जोखिम लेने वाले होते हैं। ऐसे लोग एक राजा की तरह अपना जीवन व्यतीत करते हैं।
2- जिन लोगों के दायें घुटने पर तिल होता है ऐसे लोगों का प्रेमजीवन कामयाब होता है। ऐसे लोग सभी से मित्र जैसा व्यवहार करते हैं।

* पिण्डली पर तिल
1- दायीं पिंडली पर तिल का होना अच्छा माना जाता है। ऐसे लोग कामयाब और समृद्धिशाली होते हैं। ऐसे व्यक्ति राजनीति में अधिक सक्रिय होते हैं और महिलाओं के द्वारा इन्हें अधिक सहयोग प्राप्त होता है।
2- बायीं पिण्डली पर तिल वाले व्यक्ति मेहनती होते हैं। उन्हें काम के सिलसिले में यात्रा करनी पड़ती है और उनके मित्रों की संख्या अधिक होती है।

* टखने पर तिल
- यदि किसी के दायें टखने पर तिल होता है तो ऐसे व्यक्ति संभावित अनुमान लगाने वाले और अधिक बातूनी होते हैं। जबकि बायें टखने पर तिल के निशान वाले लोग अधिक धार्मिक प्रवृत्ति के होते हैं।

* पैर पर तिल
1- यदि किसी व्यक्ति के दायें पाँव पर तिल का निशान हो तो ऐसे लोगों को अच्छा जीवनसाथी प्राप्त होता है और उनका पारिवारिक जीवन संतोषजनक रहता है।
2- अगर बायें पैर पर तिल हो तो व्यक्ति को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है और जीवनसाथी से भी उसके मतभेद रहते हैं।
3- यदि तलवे पर तिल हो तो स्वास्थ्य संबंधी परेशानी, दुश्मनों से चुनौती आदि का सामना करना पड़ता है।

* पैर की उंगलियों पर तिल
-  यदि किसी के पैर की उंगलियों पर तिल हो तो ऐसे व्यक्तियों का वैवाहिक जीवन सुखी नहीं होता है।

( उम्मीद है कि इस लेख के माध्यम से आप तिल के महत्व और उनकी विशेषताओं के बारे में जान गए होंगे। )

         "     ॐ तत् सत    "